<strong>नई दिल्लीः</strong> देश के लिए आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर आई है और वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) दर 7.7 फीसदी हो गई है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही में 7.7 फीसदी रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 6.1 फीसदी थी. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी किए हैं. वित्त वर्ष 2017-18 की बाकी तीनों तिमाहियों से बेहतर ग्रोथ रेट चौथी तिमाही में आया है. वहीं वर्ष 2017- 18 में आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़कर 6.7 फीसदी रही. इससे पिछले साल यह 7.1 फीसदी थी. <code></code> <blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"> <p dir="ltr" lang="en">GDP at 2011-12 prices in the fourth quarter (Q4) of financial year 2017-18 registered growth rate of 7.7% as against 5.6% , 6.3% and 7% respectively, in the first three quarters of 2017-18. <a href="https://t.co/rsy2Vk55wY">pic.twitter.com/rsy2Vk55wY</a></p> — ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1002160215226306560?ref_src=twsrc%5Etfw">May 31, 2018</a></blockquote> वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में जीडीपी 5.6 फीसदी रही थी वहीं दूसरी तिमाही में जीडीपी 6.3 फीसदी पर आई थी. बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में देश की जीडीपी दर 7.2 फीसदी रही थी. <strong>फिक्की का अनुमान</strong> इससे पहले उद्योग मंडल फिक्की ने पूरे देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी- मार्च) के दौरान 7.1 फीसदी रहने का अनुमान दिया था. फिक्की ने वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वे में कहा गया था कि पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में स्थिर मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान है. <strong>मूडीज का अनुमान</strong> वहीं कल अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अपने अनुमान को घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया था. पहले एजेंसी ने 7.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया था. मूडीज ने कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था में क्रमिक सुधार हो रहा है लेकिन तेल की बढ़ती कीमतें और मुश्किल वित्तीय हालात भारत की सुधार की रफ्तार को धीमा करेंगी. <strong>क्या है जीडीपी</strong> किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का सबसे ज़रूरी पैमाना जीडीपी ही है. किसी ख़ास अवधि के दौरान वस्तु और सेवाओं के उत्पादन की कुल कीमत को जीडीपी के जरिए मापा जाता है. भारत में जीडीपी की गणना तिमाही आधार यानी हर तीसरे महीने पर की जाती है. <a href="https://ift.tt/2L6r5O1" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong>चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1% रहने का अनुमान: फिक्की</strong></a> <a href="https://ift.tt/2LJw3Bo" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong>IOC बनी सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली सरकारी कंपनी, ONGC को पछाड़ा</strong></a> <a href="https://ift.tt/2L7PF0S" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong>बाजार में शानदार उछालः सेंसेक्स 416 अंक ऊपर 35,322 पर बंद, निफ्टी 10,700 के पार</strong></a>
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Wednesday, June 6, 2018
आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबरः चौथी तिमाही में जीडीपी बढ़कर 7.7% रही
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