<p style="text-align: justify;"><strong>इस्लामाबाद:</strong> पाकिस्तान के अगले पीएम <strong><a href="https://abpnews.abplive.in/world-news/imran-khan-can-take-oath-of-pm-post-on-14-august-930866">इमरान खान</a></strong> की जीत वैसे को अप्रत्याशित नहीं थी, क्योंकि ज़्यादातर ओपिनियन पोल्स में वो आगे चल रहे थे. लेकिन उनकी जीत से जुड़ी एक बड़ी जानकारी सामने आई है और इस जीत के पीछे की वजह एक एप को बताया जा रहा है. क्रिकेट की दुनिया में तमाम उपलब्धियां हासिल कर चुके इमरान की पार्टी ने इस एप के जरिए 50 लाख वोटरों का डेटा हासिल किया था. भले ही विपक्षी इस बात का आरोप लगा रहे हों को खान को देश की फौज का पुरज़ोर समर्थन मिला था, लेकिन इस डेटा ने उनके कैंपने को बेहद सफल बना दिया.</p> <p style="text-align: justify;"><b>बाकी पार्टियों को हुआ इसका नुकसान</b> सबसे बड़ी बात रही कि इस एप ने लोगों को मतदान केंद्रों तक लाने का काम किया. ऐसा उस स्थिति में हुआ जब इस काम के लिए बनाई गई सरकारी हेल्पलाइन ने चुनाव के दिन ही काम करना बंद कर दिया था. इसका सबसे ज़्यादा नुकसान उन पार्टियों को हुआ जो ऐसी स्थिति के लिए तैयार नहीं थीं जबकि इमरान की पार्टी के इस एप ने उनके वोटरों को बूथ तक लाकर उनकी जीत तय कर दी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इसका असर जबरदस्त रहा</strong> असद उमर नाम के उम्मीदवार के लिए इस एप के डेटाबेस को इस्तेमाल करने का ज़िम्मा संभाल रहे अमीर मुगल ने कहा, "इसका असर जबरदस्त रहा." इस एक को सीएमएस (कोंस्टीटूएंसी मैनेजमेंट सिस्टम) के नाम से जाना जाता है. आपको बता दें कि इस एप के डेटा मैनेजमेंट की वजह से उमर ने इस्लामाबाद से अपनी सीट जीत ली.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पार्टी के वोटरों की आसानी से हुई पहचान</strong> असद उमर के क्षेत्र के डेटाबेस के इस्तेमाल की तर्ज पर इमरान की पार्टी ने बाकी के क्षेत्रों में लोगों को इस काम पर लगाया था. इसी के सहारे देशभर से डाटा इक्ट्ठा किया गया और पहचान की गई कि इमरान की पार्टी पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के वोटर कौन से लोग हैं. उन्हें एप में टैग किया गया और ये सुनिश्चित किया गया कि वोटिंग के दिन वो पक्का मौजूद रहें.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पिछले चुनाव के हार से ली सीख</strong> इस एप की नींव इमरान को पिछले चुनाव में मिली हार के बाद पड़ी थी. दरअसल ऐसा कहा जा रहा था कि पीटीआई इमरान को मिल रहे पॉपुलर सपोर्ट को वोटों में तब्दील करने में नाकामयाब रही. इसी के बाद एक छोटी सी टीम को सीएमएस बनाने का ज़िम्मा दिया गया और इसने इमरान की जीत की कहानी में अहम योगदान दिया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>150 सीटों पर एप का रहा प्रभाव</strong> चुनाव के कुछ हफ्ते पहले इमरान ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को व्हाट्सएप के जरिए एक वीडियो संदेश भेजा. इसमें उन्होंने सब से सीएमएस को अपनाने की अपील की. इसके सहारे पीटीआई ने उन 150 सीटों पर नज़र गड़ाई जिसे जीतने को लेकर वो आश्वस्त थे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इलेक्शन कमिशन के डेटा से मिली मदद</strong> पार्टी ने ये डेटाबेस तैयार करने के लिए इलेक्शन कमिशन का वो डेटा इस्तेमाल किया जो पब्लिक डोमेन में है. वोटरों के वोटर कार्ड का नंबर डालकर एक उम्मीदवार उसके घर का पता, उनके परिवार में कौन-कौन है और उन्हें वोट करने कहां जाना है जैसी जानकारी ले सकता था. इसी ने उनके लिए करिश्मे का काम किया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पेन पेपर पर भारी पड़ा एप</strong> इसी एप के सहारे पीटीआई कार्यकर्ता वो पर्ची भी प्रिंट कर ले रहे थे जिसकी ज़रूरत वोटरों को वोटिंग सेंटर के भीतर जाने के लिए पड़ती है. यही काम नवाज़ शरीफ की पार्टी पीएमएलएन (पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज़) के कार्यकर्ता अपने वोटरों से पेन और पेपर से करना रहे थे.</p> <p style="text-align: justify;">पाकिस्तान में असाक्षरता की दर 40% है. ऐसे में आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि 12.9 मिलियन वोटरों वाले देश पाकिस्तान में नवाज़ समर्थकों को वोटरों के लिए वोटिंग से पहले ये पर्चा भरवाने में कैसी मशक्कत उठानी पड़ी होगी. अगर वो पर्चा नहीं भरवा रहे होते तो और ज़रूरी कामों में लगकर पार्टी की सीटों की संख्या बढ़वा सकते थे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>गेम चेंजर साबित हुआ एप</strong> पार्टी में इस एप का इस्तेमाल करने वाले एक और व्यक्ति ने कहा कि सीएमएस ने गेम बदल दिया. इसके सहारे पार्टी को सोशल मीडिया पर पार्टी को मिलने वाले समर्थन को वोटों में बदलने में चमत्कारिक मदद मिली.</p> <p style="text-align: justify;">देखें, टॉप 10 न्यूज़ बुलेटिन का <strong>वीडियो</strong></p> <code><iframe class="vidfyVideo" style="border: 0px;" src="https://ift.tt/2Mrvn3I" width="631" height="381" scrolling="no"></iframe></code>
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Tuesday, August 7, 2018
एक एप जिसने इमरान खान को जितवाया पाकिस्तान का चुनाव
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